घुटने का दर्द और उपचार, KNEE PAIN & TREATMENT. 


कोई भी रोग या बीमारी अचानक नहीं आती, जब हम कुदरत के नियमों को भंग करते हैं, कुदरत के संकेतों की अवहेलना करते हैं, खान-पान के गलत तरीके अपनाते हैं, धूम्रपान और मदिरापान जैसी खराब आदतें डाल लेते हैंयह शरीर के किसी अंग से अत्यधिक काम लेते हैं, तब हमारे शरीर में रोग बढ़ जाते हैं । आधुनिक सुख सुविधा वाला जीवन, अतिस्निग्धा, तेली पदार्थों का सेवन आदि से वात  एवं रक्त की विकृति बढ़ती है, जिससे घुटने में तीव्र पीड़ा होती है अधिकतर वेदना संधियों में अंग विकृति बढ़ती हैइससे घुटने में तीव्र पीड़ा होती है अधिकतर यह शिकायत मोटे  आलसी लोगों में देखी जाती है तथा शरीर का वजन बढ़ने से, संधियों पर बोझ बढ़ता है, जिससे संधियों का रोग, चोट पहुंचना, ल्सीका पट्टी का खुरदुरा होना, विरुद्ध खानपान से रक्त में एक प्रकार की खटास का बढ़ना, उसे क्षारत्व का कम होना, अपच अन्न और अजीर्ण भी इसके कारण है ठंडे पेय एवं गलत आहार-विहार से रक्त में विकार बढ़ता है, कई बार घुटनों में दर्द किसी चोट लगने के कारण भी होने लगता है, जैसे लिंगामेंट का टूटना, (एक रिश्तेदार और लचीला उत्तक जो दो हड्डियों को आपस में जोड़ता है) या कार्टिलेज का फटना (यह कठोर और लचीले सफेद रंग के ऊतक होते हैं जो घुटने में होते हैं) इनके अलावा घुटनों में दर्द अन्य कई रोगों के कारण भी होता है, जैसे गठिया, गाउट और संक्रमण आदि, घुटनों में हल्के दर्द के ज्यादातर प्रकार स्व्यम देखभाल  अन्य सामान उपायों से ठीक हो जाते हैं कुछ फिजिकल थेरेपी और घुटने के ब्रेसिज भी घुटनों के दर्द से राहत देने में मदद कर सकते हैं । कुछ मामलों में घुटनों के दर्द को खत्म करने के लिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है । चिकित्सक घुटने में भरे द्रव को सिरिन्ज से खींचकर बाहर निकालते हैं  पीड़ा कम करने के लिए जाइलोकेन केटाजोन का मिश्रण संधियों में पहुंचाते हैं ।  जिससे कुछ राहत मिलती है । पर कुछ समय में यहां रोग फिर उभर आता है,  इसकी रोकथाम के लिए वात ह वनस्पतियों का सेवन, भाका प्रयोग, सूर्य किरणों की गर्मी लेप में लाभ मिलता हैइमली, नींबू, कोकम, अचार, टमाटर, दही का सेवन ना करें, शरीर के किसी भी भाग में दर्द होता है तो इसका अर्थ यह है कि उस भाग में कार्बन डाइऑक्साइड, पानी तथा अन्य विषाक्त पदार्थ या वायु भर गई है । घुटने हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग है, हमारे शरीर का संपूर्ण भार हमारे पैर उठाते हैं इस कारण पूरे पांव की देखभाल अच्छी तरह करनी चाहिए।  


घुटनों का दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता हैः
घुटने का दर्द थोड़ी देर के लिए या फिर लंबे समय तक रह सकता है। यह दर्द किसी शारीरिक समस्या या फिर बीमारी के चलते हो सकता है। कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में हम यहां बता रहे हैं :
· टेंडिनाइटिस : यह घुटने के आगे वाले हिस्से को प्रभावित करता है। इस कारण घुटने में तेज दर्द होता है और सीढ़ियां चढ़ना व उतरना तक मुश्किल हो जाता है।
· गाउट : यह एक प्रकार का गठिया रोग होता है। शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होने पर गाउट की समस्या होती है। साथ ही घुटने का दर्द होता है।
· संधिगत वाट या ऑस्टियोअर्थराइटिस : इस अवस्था में भी घुटने का दर्द व जोड़ों का दर्द होता है। साथ ही घुटनों में सूजन भी आ जाती है, जिस कारण पीड़ित को काफी तकलीफ होती है।
· बेकर्स सिस्ट : घुटने के जोड़ में सिनोवियल फ्लूड का निर्माण होता है, जो जोड़ों को आपस में रगड़ने से रोकता है। जब यह फ्लूड अधिक मात्रा में बनने लगता है, तो घुटने के पिछले हिस्से में इकट्ठा होने लगता है, जिस कारण घुटने में सूजन आती है और पीड़ित व्यक्ति असहज महसूस करता है।
· बर्साइटिस : यह समस्या बर्सा में सूजन के कारण होती है। बर्सा त्वचा के नीचे और जोड़ों के ऊपर तरल पदार्थ से भरी एक थैली होती है। यह थैली हड्डियों के लिए कुशन का काम करती है।
· आमवात या रूमेटाइड अर्थराइटिस : शरीर में ऑटोइम्यून सिस्टम के खराब होने पर यह समस्या होती है। इसमें जोड़ों का दर्द व सूजन का सामना करना पड़ता है। साथ ही जोड़ आपस में रगड़ खाने लगते हैं।
· डिस्लोकेशन : जोड़ के अपनी जगह से हिल जाने या उखड़ जाने के कारण भी दर्द होने लगता है।
· मेनिस्कस टियर : एक या एक से ज्यादा कार्टिलेज (जोड़ों में पाए जाने वाले कठोर व लचीले टिशू) टूटने पर जोड़ों का दर्द होता है।
· लिगामेंट का टूटना : चोट लगने पर इनके टूट जाने से भी घुटनों व जोड़ों का दर्द होता है। लिगामेंट एक प्रकार के लचीले टिशू होते हैं, जो जोड़ों को आपस में जोड़ कर रखते हैं।
· बोन ट्यूमर : यह घुटने के आसपास पनपता है।


आहार द्वारा घुटने के दर्द का उपचार :- 
मेथी दाना को बारीक पीस लें, एक चम्मच मेथीदाना चूर्ण सुबह जल के साथ खाएं 
खाली पेट 3-4 अखरोट की गिरी अच्छी तरह चबाकर खाएं
रोज नारियल का 1 टुकड़ा जरूर खाएं यदि ताजा नारियल ना मिले तो सूखे नारियल की गिरी खाएं ।
रा को सो ग्राम खजूर, एक गिलास पानी में भिगोकर रखें, सुबह निराहार इसे चबाकर खाएं
प्रतिदिन 3-4 लहसुन की कलियां पानी के साथ खाएं 
100 ग्राम छोटी हरको कूट-पीस कर छान लें, रात को सोते समय 5 ग्राम हरड़ चूर्ण गुनगुने पानी या दूध के साथ ले । 
सोंठ 10 ग्राम, अजवाइन 10 ग्राम, काला नमक 5 ग्राम, सूखा आंवला चूर्ण 20 ग्राम लेकर पीस ले, आधा चम्मच रात को सोते समय ले।
मेथी दाना, सौंठ और हल्दी बराबर मात्रा में मिलाएं। इस मिश्रण को तवे पर अच्छे से भूनें फिर पीसकर पाउडर बना लें। अब इस पाउडर का नियमित सुबह-शाम भोजन के बाद गर्म पानी के साथ सेवन करें।
एक ग्लास दूध में एक चम्मच हल्दी के पाउडर को मिलाकर सुबह-शाम कम से कम दो बार पीने से लाभ मिलता है।



सेक द्वारा घुटने के दर्द का उपचार :-  
घुटने के दर्द वाले स्थान पर पहले तेल लगाएं, फिर आंक के पत्तों को गरम कर उस स्थान पर रखें और ऊपर से रुई रखकर लाल कपड़े की पट्टी बांधे
 
निर्गुंडी के ताजे पत्ते 5-6 को कुचल कर मिट्टी के घड़े में डालकर ढक्कन लगाकर गर्म करें । थोड़ी देर बाद पत्ते गर्म होने से नरम हो जाएंगे । इन गरम पत्तों को घुटने के दर्द वाले स्थान पर बांधकर ऊपर से कपड़े की पट्टी बांधे । यहां दिन में 2 बार करें ।

 
अरंडी के पत्तों को पीस ले, थोड़ा सा सरसों का तेल और थोड़ा सा कपूर मिला ले, घुटने के ऊपर लेप करें  कपड़ा बांध है, अब इसके ऊपर गरम सेट करें
  

2लीटर पानी में, थोड़ी सी नीम की पत्तियां, थोड़ी सी अजवाइन, मेथी दाना व आधा चम्मच नमक डालकर पानी को उबालें फिर छान ले, तैयार किए गए पानी में दो टॉवल डाल व इनसे गरम-गरम ही सेक करें ।

 100 ग्राम अजवायन में 5 ग्राम सोठ   50 ग्राम काला नमक डालकर सूखी कढ़ाई में इसे खूब भुने, गरम-गरम ही एक रुमाल में बांध ले व इससे दोनों घुटनों पर सेट करें ।



चेतावनी :-

सेक करने के बाद 15 मिनट तक चादर ओढ़कर लेटें 
से करने के बाद 15 मिनट तक कुछ खाए पिए नहीं 
तेज हवा में बैठकर सेक नहीं करें ।



योगा द्वारा घुटने के दर्द का उपचार :-

घुटने का दर्द ठीक करने के लिए सीधे पीठ के बल सोए, अक्सर घुटनों को मोड़ते हुए पैरों को साइकिल की तरह चलाएं ।
घुटनों को बिना मोदे ऊपर नीचे 20 बार करें ।
घुटनों को मोड़ते हुए वज्रासन लगाएं  नीचे नरम तकिया रखें, यह आसन 5 मिनट तक करें ।
पेट के बल लेट कर पैरों को मोड़ें और दोनों हाथों से एड़ियों को पकड़े ।
दोनों घुटनों पर लाल रंग के सूती कपड़े की पट्टी बांधे जो कम से कम 6 इंच चौड़ी होनी चाहिए, प्रातः 7:00 से 7:30 के बीच में सूर्य के सामने पांव को रखें ताकि सूर्य की किरणें घुटने पर आराम से  सके ।
नित्य रात को तेल मालिश करें, तेल लाल होना चाहिए

विशेष उपचार :-  
अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं, प्रतिदिन आधा चम्मच मेथी दाना सुबह सुबह खाएं, आधा चम्मच आंवला पाउडर रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें सुबह छानकर इस पानी को पिए, रोजाना पांच पत्ती तुलसी की सुबह खाएं20 ग्राम अजवायन, 5 ग्राम, काला नमक 5 ग्राम, सोंठ 5 ग्राम, काली मिर्च पाउडर मिलाकर रखें, प्रतिदिन 2 ग्राम यह चूर्ण ले ।


घुटने में दर्द के लिए आयुर्वेदिक औषधियां :- 
योगराज गुग्गुल, सिंहनाद गुग्गुल, चंद्रप्रभा वटी, कैशोर गुग्गुल आदि.


चेतावनी :- 
दर्द  सूजन में किसी प्रकार की खटाई, अचार, छाछ, दही, टमाटर आदि तथा वायु जन आहार खाद्य पदार्थ  ले । जहां तक हो सके दालों का सेवन कम करें मैंदे  बेसन से बनी तली चीजें ना खाएं, शीतल पेय पदार्थ, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, ठंडा बर्फ का पानी आदि का सेवन ना करे।


यदि आपको घुटनों में दर्द की समस्या है तो आप कभी भी वज्रासन में न बैठें।

इसके अतिरिक्त ऐसे लोगों को किसी भी एक्सरसाइज के दौरान अगर घुटने पर ज्यादा जोर व दर्द का अहसास हो तो आपको उस एक्सरसाइज को फौरन रोक देना चाहिए। अन्यथा आपकी समस्या बढ़ सकती है। 

घुटनों के दर्द से आराम पाने के लिए आपको उपर्युक्त सभी एक्सरसाइज का अभ्यास प्रतिदिन कुछ देर अवश्य करना होगा, तभी आपको लाभ होगा। सिर्फ एक ही व्यायाम कर लेने से कुछ नहीं होने वाला।

Post a Comment

أحدث أقدم