रीठा के लाभ, जानकारी, औषधीय उपयोग,
दुष्प्रभाव
Health Benefits of Reetha in Hindi
रीटा अत्यंत उपयोगी औषधि फल है, भारत में यह प्राय: हर जगह बाल धोने अथवा ऊनी रेशमी कपड़े धोने में इसका प्रयोग किया जाता है. इसके वृक्ष दक्षिण भारत, शुष्क वनों, राजस्थान, बंगाल, आसाम तथा हिमालय की ऊंचाइयों पर पाए जाते हैं, कहीं-कहीं गांव के आसपास भी इन्हें लगाते हैं, रीठा के वृक्ष 20 से 30 फुट तक ऊंचे होते हैं. वृक्ष बहू शाखा युक्त होता है जो चारों ओर फैली हुई होती है. यह पत्र बहुल वृक्ष होता है, पत्ते एक शाखा पर 8 से 10 तक एकांतर क्रम में होते हैं. इनकी लंबाई 6 से 18 इंच तक या और अधिक होती है। इनका रंग कुछ पीलापन लिए हुए किंतु निम्न भाग में कुछ फीका होता है। इसकी गंध उग्र सी होती है, इनके फूल हलके गुलाबी या सफेद होते हैं । यह शाखा-प्रशाखाओं के सिरों पर आम के बौर की तरह निकलते हैं इन पर हल्के रोए से मालूम होते हैं ।
रीठे के कच्चे फल पिलाई दिए हुए हरे रंग के होते हैं, जिन पर सूक्षम रोमावली होती है, किंतु पक जाने पर रोम झड़ जाते हैं, सूखने पर फल भी लालिमा लिए भूरे रंग के हो जाते हैं, इनके अंदर काले रंग का चिकना बीज होता है, फल आधे इंच से पौने इंच के व्यास का होता है। फल स्वाद में पहले मीठा फिर बाद में अत्यंत तिक्त होता है ।
विविध नाम – संस्कृत- अरिष्टक,फेनिल, रक्तबीज, हिंदी- रीठा अरीठा, लेटिन - सेपिण्डस ट्रेफोलिट्स ।
गुणधर्म - रीठा लघु, स्निग्ध, तीक्ष्ण, उषणवीर्य, वमन कारक, रेचक, गर्भाशय संकोचक, गर्भनिवारक, कफ निस्तारक एवं विष नाशक है, यह नासास्राव तीव्र करता है, सिरदर्द आधासीसी, श्वास, हिस्टीरिया, मूर्छा और कफ को दूर करता है, इसका लेप भी काम में आता है, यूनानी मत के अनुसार यह दूसरे दर्जे का गर्म व शुष्क है. रीठा गर्म मिजाज वालों के लिए हानिकारक होता है, दुष्प्रभाव का निवारण तेल विशेषकर बादाम तेल पिलाने से हो जाता है ।
रीठे के फल में सपोनिन, द्राक्षा शर्करा तथा पेक्टिन नामक तत्व मुख्य रूप से पाए जाते हैं। बीजों के तेल से साबुन बनाया जाता है ।
विविध प्रयोग एवं उपयोग -
केश रक्षण – रीठे थोड़े से छिलके एक गिलास खोलते पानी में भिगो दीजिये और 15 मिनट बाद पानी में ही मसल कर फिर उठा ले अथवा रात में ठंडे पानी में भिगोकर रखें और सुबह पानी में मसल कर उनका फैन उठाएं। इसी फैन युक्त रीठे के जल से बाल धोए यह शैंपू का काम करता है, बाल साफ मुलायम चमकीले और मजबूत बनते हैं ।
आधाशीशी - रीठे के छिलके को कुछ देर तक शुद्ध जल में भिगो दें फिर मसलकर झाग निकाल ले, आधासीसी का दर्द सिर में जिस और हो उधर के नथुने में इस पानी की 7 बूंदे टपका कर ऊपर से सूंघे है, इसे सूंघने से थोड़ी देर बाद ही नाक में भारीपन होकर पानी बहना आरंभ हो जाता है और नाक से बहुत श्लेषम निकलकर सिर पीड़ा शांत हो जाती है। स्मरण रहे कि शीघ्र लाभ के लालच में नाक मे रीठे के पानी की अधिक बूंदी ना टपकाई जाए, ऐसा करने से नाक में शोध उत्पन्न हो सकता है ।
वीर्य पुष्टि - रीठे की गिरि वीर्य को पुष्ट करती है, इसे बारीक पीसकर बराबर मात्रा में चीनी या मिश्री मिलाकर रख लें, यह चूर्ण 5 ग्राम थोड़े से दूध के साथ सेवन करें ।
दंत रोग नाशक मंजन -रीठे के बीज जलाकर खूब पीस ले । इसी के बराबर भुनी हुई फिटकरी का बारीक चूर्ण मिला लें। मंजन तैयार है, यह मंजन करने से हिलते दांत, दंतशूल , पायरिया का प्रारंभ आदि ठीक होते हैं ।
फोड़ा - रीठे का छिलका महीन महीन पीस लें, उसमें जरा सा गुण और साबुन मिलाकर मल हम बनाएं, इसे कपड़े पर फैलाकर फोड़े पर चिपका दें, प्रतिदिन ऐसा करने से दर्द सहित फोड़ा बैठ जाएगा अथवा पककर शीघ्र साफ हो जाएगा ।
अर्श, बवासीर – रीठे के छिलके और रसौत संभाग मिलाकर जल के साथ खरल करके दो दो रत्ती की गोलियां बना लें, मात्रा- एक एक गोली दिन में दो बार निगल कर ऊपर से बकरी का दूध एक कप गर्म करके ठंडा किया हुआ पिये । इस बटी के सेवन से 1-2 सप्ताह में ही अर्श दूर हो जाता है ।
रीठा के और भी अन्य फायदे हैं। चलिए उन पर भी एक नज़र डाल लेते हैं:
1) रीठा को आप साबुन के स्थाना पर (सब्स्टिट्यूट) की तरह भी उपयोग कर सकते हैं। यह आपकी त्वचा को नर्म और मुलायम बनाने मे काफ़ी लाभदायक होता है।
2) इसे अपने चेहरे पर लगाने से आपका गोरापन भी बढ़ता है, और तो और, यह दाग, धब्बे और फुंसी का भी जड़ से नाश करता है।
3) अगर आपकी त्वचा काफ़ी संवेदनशील हैं, तो भी आप रीठा का इस्तेमाल कर सकते हैं क्यूंकी यह पूरी तरह से एलर्जी-रहित है।
बालों को काला करना :
–• 250-250 ग्राम रीठा और सूखा आंवला पिसा हुआ और 25-25 ग्राम शिकाकाई की फली, मेंहदी की सूखी पत्तियां तथा नागरमोथा को मिलाकर एक साथ पीस लें। शैम्पू तैयार है। इसका एक बड़ा चम्मच पानी में उबालकर इससे सिर को धोयें। इससे सफेद बालों में कालापन आ जाएगा।
अफीम का विष :
–• पानी में रीठे को इतना उबालें कि भाप आने लगे, फिर इस पानी को आधे कप की मात्रा में रोगी को पिलाने से अफीम का जहर उतर जाता है।
–• पानी में रीठे को इतना उबालें कि भाप आने लगे, फिर इस पानी को आधे कप की मात्रा में रोगी को पिलाने से अफीम का जहर उतर जाता है।
बिच्छू का
विष :
–• रीठे के फल की गिरी को पीसकर उसमें बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर 1-2 ग्राम की गोलियां बना लें। इन गोलियों को 5-5 मिनट के बाद पानी के साथ 15 मिनट में ही 3 गोली लेने से बिच्छू का जहर खत्म हो जाता है।
–• रीठे के फल की गिरी को पीसकर उसमें बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर 1-2 ग्राम की गोलियां बना लें। इन गोलियों को 5-5 मिनट के बाद पानी के साथ 15 मिनट में ही 3 गोली लेने से बिच्छू का जहर खत्म हो जाता है।
इन सारे फायदों को जानकर आपके मन में ये ख़याल तो ज़रूर आएगा कि आप भी इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दें। सोचिए मत। आज ही अपने शैम्पू और साबुन को अलविदा कहें और रीठा का उपयोग करना शुरू कर दें।
चेतावनी: रीठा को आंखों से दूर रखें ।
إرسال تعليق